Success Story

Al hind party

यह है कि पहली बार , भारत की आजादी मिलने के बाद सरदार पटेल जी ने देश का उपप्रधानमंत्री, होम मिनिस्टर, सूचना प्रसारण मंत्री, शिक्षा मंत्री आदि होते हुये पहले अंग्रेजों की जेलों से ढाई करोड बागी भारतियों को जेलों से निकाल कर पहले 1857-58 के शहीदो तथा उनके बाद की पीढियों को राहत देने के लिये पहले ठककर बापा 1947-49, तथा बाद मे अयंगर कमेटी ( क्रिमिनल ट्राइब इन्कवारी कमेटी ) 1949-50 बैठाई तथा भारतीय संविधान बनाते समय श्री एल साहू द्वारा पूछे जाने पर सरदार पटेल जी ने कहा कि जैसे ही अयंगर कमेटी की सिफारिशे आ जायेगी उनको आरक्षण के साथ संविधान का भाग बना दिया जायेगा

( The collected work of sardar vallabh bhai Patel - volume Xi special volume - Sardar Patel as constitution maker, Chief Editor PN Chopra page no. 91, Advisory committee:- Chairman - S Nijilinggappa formerly chief minister Karnataka, formerly president congress party Senior vice Chairman - S B Chauvan formerly home minister Treasurer:- M N Krishna Mani and 17 members like Atal Bihari Bajpai, sarad pawar, Lalu prasad yadav like wise top politician

तथा उपरोक्त 11 वें खंड के पेज नं 81 के 8 वें पैरा में कहा कि करोडो जाट, अहीर,गूजर, कुर्मी,कुनबी , आदिवासी और दूसरे जिन्होने देश की आजादी की लडाई में अपना सब कुछ बलिदान कर दिया आदि आदि l सरदार पटेल जी की मौत (15-12-1950), के बाद जब डा राम मनोहर लोहिया जी ने देखा कि पंडित ने न तो अयंगर कमेटी की सिफारिशे लागु की हैं जिसने अपनी रिपोर्ट सरदार पटेल जी की मौत के बाद न जाने किसको कब दी और न ही 1857-58 के शहीदों की आज की संतानों (जिन्हे 31 अगस्त 1952 के बाद बिमुक्ति जन जाति के नाम से जाना जाता है )को किसी प्रकार की सहायता व राहत केन्द्र व राज्यो की ओर से नही दी जा रही है l तब बिपक्ष की ढुलमुल नीति को देखकर 1956 मे ही अपनी नई पार्टी संसोपा ( संयुक्त सोसलिस्ट पार्टी ) बनाई तथा नारा दिया -" संसोपा ने बांधी गांठ l. 1857 का पिछडा पाये सौ मे साठ ll " आदि आदि l पर डा लोहिया जी 12 अक्टूबर 1967 में मर गये तब से हमने इस अधूरे काम को पूरा करने का वीणा उठाया तथा इस हेतु अल हिन्द पार्टी का पंजीकरण (18-03-2011) मे हुआ आदि l